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बिन रावण दशहरा न भाए ...

दिवाली आ रही है, घर से दूर रहने वालों को रायबरेली याद आ रही है

कविता : गर्भ में पल रहे बच्चे का माँ को एक प्रश्न

रायबरेली के झलकारी बाई चौराहे पर आकर सिर अपनेआप झुक जाता है